Wednesday, December 24, 2008

Mere Desh Ka Jhanda - by Mohit

Here is a nice song composed and sung by Mohit Gupta. Recorded simply on laptop and with a guitar, Mohit brilliantly brings out emotions about nation in his composition.




Lyrics (in hindi):
मेरे देश का झंडा जब जब यह लहराएगा,
मेरी हर साँस में यह मिट्टी की खुश्बू लाएगा
इसके लिए ना रहूं तो कोई शिकवा नही,
फिर मेरा कफ़न बन कर जन्नत मुझको ले जाएगा (२)

टिहूँ ओर समंदर, रेती रेगिस्तान, यह वादियाँ,
पीली सरसों, हंसते चेहरे, खुश्बू से भरा यह जहाँ

जहाँ कबीर और ग़ालिब के हुए नगमे जवान,
वक़्त आया तो सरहद पे मिट गये नौजवान

कर गये बसंती अपना चोला यह सब जहाँ,
खड़ा हिमलय देखता है सब कुर्बनियाँ

मेरे देश का झंडा जब जब यह लहराएगा,
तब तब मेरा तन, मन, सर फक्र से ऊँचा हो जाएगा

मेरे देश का झंडा जब जब यह लहराएगा,
मेरी हर साँस में यह मिट्टी की खुश्बू लाएगा
इसके लिए ना रहूं तो कोई शिकवा नही,
फिर मेरा कफ़न बन कर जन्नत मुझको ले जाएगा
फिर मेरा कफ़न बन कर जन्नत मुझको ले जाएगा

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